अंधेरा साया: छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों की स्थिति पर केजरीवाल के बयान के बाद कांग्रेस का पलटवार
'कांग्रेस' और 'आप' की तकरार में कहीं हो न जाए I.N.D.I.A. का बंटाधार!
कांग्रेस और आप के बीच बढ़ रही हैं तल्खियां
नई दिल्ली: देश की विपक्षी पार्टियों
द्वारा हाल ही में तैयार किया गया महागठबंधन एक बार फिर खतरे में नजर आ रहा है। पहले
U.P.A. और अब I.N.D.I.A. के नाम से तैयार इस महागठबंधन में शामिल दो प्रमुख पार्टियां
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही
हैं। इस कारण इस गठबंधन के भविष्य पर अंधेरा साया मंडराने लगा है।
ताजा विवाद आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
द्वारा छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों की स्थिति को लेकर दिए गए बयान के बाद पैदा
हुआ है। केजरीवाल ने छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों को खराब गुणवत्ता का करार देते
हुए अपने ही गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस पर तीखा वार किया, जिससे कांग्रेस भी तिलमिला
गई है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने
छत्तीसगढ़ की जनता से बेहतर शिक्षा, मुफ्त बिजली, मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं और
बेरोजगारों के लिए 3000 रुपए मासिक भत्ता देने सहित 10 वादे करते हुए उनकी पार्टी
को राज्य में सरकार बनाने का मौका देने का अनुरोध किया था।
उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ की मौजूदा सरकार पर कटाक्ष करते
हुए कहा था कि यहां सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब है। यहां कई स्कूल बंद कर दिए
गए हैं और कई स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें 10 कक्षाएं होती थी, परंतु केवल एक शिक्षक
हुआ करते थे।
केजरीवाल ने दिल्ली में अपनी सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए छत्तीसगढ़ की जनता
से कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत देख लें या दिल्ली में रहने वाले अपने
रिश्तेदारों से पूछ लें। आजादी के बाद पहली बार कोई ऐसी सरकार आई है, जिसने शिक्षा
के क्षेत्र में इतना सब कुछ किया है।
केजरीवाल का यह बयान कांग्रेस को चुभ गया
और पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने केजरीवाल को बहस की चुनौती देते हुए कहा कि
उन्हें रायपुर आने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी छत्तीसगढ़ सरकार के
प्रदर्शन की तुलना यहां की पिछली रमन सिंह सरकार से की जाएगी, दिल्ली सरकार से नहीं।
पवन खेड़ा ने केजरीवाल को बहस की चुनौती देते हुए कहा कि वे दिल्ली में अपनी पसंद
का कोई विषय चुन लें और दिल्ली में कांग्रेस सरकार बनाम 'आप' की सरकार के प्रदर्शन
की तुलना करें। क्या केजरीवाल बहस के लिए तैयार हैं!
इससे पहले भी कांग्रेस और आप के बीच लगातार तीखी बयानबाजी देखने को मिलती रही है।
गुरुवार को ही कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा था कि पार्टी ने अपने नेताओं को अगले
साल दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है। इस
पर पलटवार करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा था कि ऐसे बयानों के बाद I.N.D.I.A.
गठबंधन का क्या औचित्य रह जाता है।
पिछले कुछ समय से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच जिस तरीके से तीखी बयानबाजी
देखने को मिल रही है उसे देखकर I.N.D.I.A. गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।
संभावना जताई जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी इस तकरार का फायदा उठाने में पीछे नहीं
रहेगी।
(अपडेटेड: 19 अगस्त 2023, 08:04 PM IST)
(स्रोत: विशेष खबर ब्यूरो)
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