कड़ा विरोध: 'स्वतंत्र मीडिया और पत्रकारिता का गला नहीं घोंटने देगी जेसीआई'
हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर जेसीआई ने भरी हुंकार
पत्रकारिता एवं स्वतंत्र मीडिया के समक्ष चुनौतियों पर हुई चर्चा
रांची:
पत्रकारों के हित में काम करने वाले राष्ट्रीय संगठन जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया (जेसीआई)
ने पत्रकारों को आश्वस्त किया है कि संगठन द्वारा स्वतंत्र मीडिया और पत्रकारिता का
गला घोंटने की हर साजिश का पुरजोर विरोध किया जाएगा। हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर
पर रांची के मोराबादी में मौजूद ऑक्सीजन पार्क में स्वतंत्र मीडिया और
पत्रकारिता के समक्ष आने वाली चुनौतियां एवं उनका निराकरण विषय पर आयोजित
विचार गोष्ठी में जेसीआई ने अपना संकल्प दोहराया।
बता दें कि हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर झारखंड की राजधानी रांची के ऑक्सीजन
पार्क में पत्रकारों के संगठन जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया की झारखंड प्रदेश इकाई
की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश संयोजक डॉ. विवेक पाठक ने की। इस
अवसर पर केंद्रीय प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक झा
मौजूद थे।
बैठक में आज के दौर में पत्रकारिता और स्वतंत्र मीडिया खासकर वेब मीडिया और यूट्यूब
चैनल चलाने वाले पत्रकारों के समक्ष आने वाली समस्याओं पर खुलकर चर्चा हुई। बैठक
में उपस्थित सभी पत्रकारों ने अपनी ओर से अपने-अपने विचारों और समस्याओं को साझा
किया। सभी सदस्यों के मन में उठ रही आशंकाओं का प्रदेश संयोजक डॉ. विवेक पाठक और
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक झा ने जवाब दिया।
दरअसल हाल के दिनों में हजारीबाग के एसपी द्वारा यूट्यूब और वेब मीडिया से जुड़े
पत्रकारों के संबंध में दिए गए बयान के बाद झारखंड के अधिकांश डिजिटल मीडिया से जुड़े
मीडियाकर्मियों में एक अज्ञात भय सा घर कर है कि कब, किस पत्रकार को फर्जी पत्रकार
की संज्ञा देकर उसके उपर सरकारी डंडे चलने शुरू हो जाएं।
इस मामले को लेकर जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के झारखंड प्रदेश के संयोजक डॉ.
विवेक पाठक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अशोक झा के नेतृत्व में मीडियाकर्मियों
के एक प्रतिनिधिमंडल ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक से मिलकर इस बारे में
स्पष्टीकरण भी मांगा था। इसके उत्तर में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा बताया गया
कि इस बारे में फिलहाल कोई नई नियमावली या गाइडलाइन नहीं जारी की गई है। हालांकि
गलत खबर चलाने पर सजा का प्रावधान है, जो सभी के लिए है, चाहे वह प्रिंट मीडिया हो,
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो, वेब मीडिया हो या यूट्यूब मीडिया।
बैठक में कुछ सदस्यों द्वारा आशंका जताई गई
कि अगर पुलिस या प्रशासन के लोगों द्वारा किसी भ्रष्टाचार को उजागर करने पर किसी
पत्रकार को टार्गेट किए जाने की स्थिति में क्या होगा। इसपर राष्ट्रीय कार्यकारिणी
के सदस्य अशोक झा और प्रदेश संयोजक डॉ. विवेक पाठक ने सभी सदस्यों को आश्वस्त किया
कि ऐसी स्थिति में संगठन हमेशा पत्रकार के साथ खड़ा रहेगा।
राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अशोक झा ने बताया कि डिजिटल मीडिया के पंजीकरण की
दिशा में सरकार द्वारा एक ठोस नियमावली बनाने के लिए जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया
भारत सरकार से बार बार मांग करती आ रही है और इस समस्या का यही एकमात्र पूर्ण
समाधान है। उन्होंने कहा कि अभी झारखंड सहित पूरे देश में मीडियाकर्मियों की कई
समस्याएं हैं।
उन्होंने कहा कि सच्चाई लिखने या दिखाने के कारण अलग-अलग जगहों पर मीडियाकर्मियों
के ऊपर जानलेवा हमले हो रहे हैं। इसके बावजूद सरकार द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून
लागू नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा मीडियाकर्मियों और उसके परिजनों को तरह-तरह
की धमकियां दी जा रही हैं, झूठे मुकदमों में फँसाने की कोशिशें की जा रही हैं, जो
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के ऊपर बड़ा हमला है। इस सारी समस्याओं के लिए सभी
मीडियाकर्मियों को एकसाथ मिलकर अभी एक लंबी लड़ाई लड़ने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया पूरे देश में कहीं भी पत्रकारों के
साथ हुए किसी भी तरह के दुर्व्यवहार को लेकर आवाज उठाती रही है और आगे भी उठाती
रहेगी।
बैठक में विजय कुमार, राजेश कुमार, अखिलेश कुमार सहित कई पत्रकारों ने अपने विचार
व्यक्त किए।
(अपडेटेड: 01 जून 2023, 18:28 IST)
(स्रोत: वीएनएन - भारत)
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