पलटवार: 'हमेशा अलग-अलग दिखने वाले सत्ता के साथी अब एक मंच पर'
झारखंड आंदोलन के क्रेता और विक्रेता की पुरानी दोस्ती है: प्रदीप सिन्हा
प्रदीप सिन्हा (बाएं) ने झामुमो और कांग्रेस को घेरा
रांची:
भ्रष्टाचार के संरक्षण में सत्ता के साथी झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस एक मंच
पर आ गए हैं। मौजूदा हेमंत सरकार के 28 महीने के कार्यकाल के दौरान जनता के प्रश्नों
पर कांग्रेस और झामुमो कभी भी एकसाथ एक मंच पर नहीं दिखे, लेकिन आज भ्रष्टाचारियों
को बचाने के लिए वे एक मंच पर आ गए हैं। यह इनका पुराना इतिहास रहा है। झारखंड
आंदोलन के क्रेता और विक्रेता की पुरानी दोस्ती है।
झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने पत्रकारों से बात
करते हुए उपरोक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अपनी नाकामियों, विफलताओं और
भ्रष्टाचार के मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए झामुमो और कांग्रेस को महंगाई
की याद आ रही है। लेकिन जनता को यूपीए और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार
के कारनामे बखूबी याद हैं।
उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौर में महंगाई दर हमेशा दो अंकों में रही और घोटालों
की श्रृंखला खड़ी होती रही। परंतु आज विषम परिस्थितियों में, कोरोना संकट के बावजूद
महंगाई दर एक अंक में ही सीमित है। देश की सभी योजनाएं तेज गति से संचालित हो रही
हैं, पूंजी निवेश बढ़ा है, मेक इन इंडिया की गति तेज हुई है।
प्रदीप सिन्हा ने कहा कि आज सड़क, बिजली, पानी, रक्षा क्षेत्र,उद्योग सहित सभी
क्षेत्रों में विकास हो रहा है और 80 करोड़ लोगों को 5 किलो मुफ्त अनाज जैसी
कल्याणकारी योजनाएं भी चल रही हैं। देश में 175 करोड़ डोज मुफ्त टीकाकरण हो चुका है।
उउन्होंने कहा कि यदि झामुमो और
कांग्रेस को महंगाई की इतनी ही चिंता है, तो वे पार्टियां पेट्रोल और डीजल से राज्य
का वैट क्यों नही घटातीं। इनके 25 रुपए सब्सिडी की योजना पूरी तरह विफल साबित हुई
है। उन्होंने कहा कि दरअसल महंगाई का चोला पहनकर जनता का ध्यान भटकाना इनका मुख्य
एजेंडा है। यह सरकार भ्रष्टाचार में चौतरफा घिर चुकी है। कानूनी शिकंजे इनपर कसने
लगे हैं।
प्रदीप सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी का बयान जगजाहिर है कि कैसे
इन्होंने अपने बयानों से राज्य सरकार को लगातार कठघरे में खड़ा किया है। आज भी
उन्होंने अपनी पार्टी के 8 विधायकों की नाराजगी की बात मीडिया में कही है। इसके
अलावा खुद झामुमो के कई विधायक जनता के सवालों पर, युवाओं के रोजगार, बेरोजगारी
भत्ते, स्थानीय नीति आदि पर सरकार को घेरते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज डूबती नाव को बचाने के लिए ये साथ आ रहे हैं, जबकि नाव में
भ्रष्टाचार का पानी पूरी तरह भर चुका है। प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन
पाठक भी उपस्थित थे।
(अपडेटेड: 10 मई 2022, 18:38 IST)
(स्रोत: विशेष मीडिया सर्विस - भारत)
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