अभियान: जल, मिट्टी और जलीय जीव-जंतुओं के नमूने किए जाएंगे इकट्ठे!
कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने के लिए आयोजित हुई बैठक
विभिन्न नमूने संग्रहण करने की तैयारी
रांची:
जैव विविधता दिवस के अवसर पर आगामी 22 मई से स्वर्णरेखा एवं दामोदर प्रदूषण सह
अध्ययन यात्रा का दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित होगा। इस दौरान युगांतर भारती, नेचर
फाउंडेशन, दामोदर बचाओ आंदोलन, स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट और दामोदर क्षेत्र
विकास ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में स्वर्णरेखा नदी, हरमू नदी, हटिया डैम सहित
अन्य स्थानों पर प्रदूषण के आकलन, जल, गाद और जलीय जीव-जंतुओं के नमूनों को संग्रह
करने का कार्य किया जाएगा।
स्वर्णरेखा एवं दामोदर प्रदूषण सह अध्ययन यात्रा के सह-संयोजक आशीष शीतल ने इस
संबंध जानकारी देते हुए बताया कि 22 मई को जैव विविधता दिवस के अवसर पर रांची के
नगड़ी में यात्रा दल का आगमन होगा। इसके बाद स्वर्णरेखा के उद्गम स्थल 'रानीचुआं'
में नदी पूजन के साथ यात्रा का शुभांरभ एवं वैज्ञानिकों की टीम द्वारा जल, गाद और
जलीय जीव-जन्तुओं के नमूने का संग्रहण किया जाएगा। फिर पांडू टोली के ग्रामीणों से
संपर्क करके वार्ता की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सारवी राईस मिल के अंदर और बाहर, जहां अपशिष्ट जल एवं गाद का
प्रबंधन एवं निकासी होती है, उसका निरीक्षण, प्रदूषण का आकलन, जल, गाद और जलीय
जीव-जन्तुओं के नमूने का संग्रहण किया जाएगा। साथ ही स्वर्णरेखा नदी के उत्तरी छोर
में अवस्थित चार राईस मिल (नर्मदा, श्रेया, कृष्णा और वरदान) के अपशिष्ट जल एवं गाद
का प्रबंधन एवं निकासी का निरीक्षण, प्रदूषण का आकलन, जल, मिट्टी, गाद के नमूने का
संग्रहण किया जाएगा। फिर स्थानीय ग्रामीणों से वार्ता कर उनके समस्याओं की जानकारी
ली जाएगी।
आशीष शीतल ने बताया कि इस यात्रा कार्यक्रम में कुदुलोंग बस्ती, हटिया डैम,
स्वर्णरेखा पुल सीठियो, एचईसी, एचएमबीपी, तुपुदाना औद्योगिक क्षेत्र आदि स्थानों पर
भी उपरोक्त कार्य किए जाएंगे। इसी दौरान एचईसी ऑफिसर्स एसोसिएशन एवं अन्य संस्थानों
द्वारा यात्रा दल का अभिनंदन तथा स्वागत किया जाएगा। यात्रा दल का अभिनंदन धुर्वा
स्थित सूर्य मंदिर प्रांगण में भी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 23 मई (सोमवार) को यात्रा
दल चुटिया के केतारी बगान पहुंचेगा। फिर केतारी बगान चुटिया के निकट हरमू नदी और
स्वर्णरेखा नदी के संगम स्थल, टाटीसिल्वे स्थित उषा मार्टिन के पीछे स्थित नदी,
गेतलसूद डैम, हिंडालको, मूरी आदि स्थानों का भ्रमण कर प्रदूषण की स्थिति का आकलन,
जल, मिट्टी, गाद तथा जलीय जीव-जंतुओं के नमूनों को संग्रह करने का कार्य किया जाएगा।
आशीष शीटल ने बताया कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा निर्धारित करने के लिए आयोजित बैठक
में एसएन सिन्हा इन्स्टीच्यूट, एचईसी ऑफिसर एसोसिएशन, स्वामी विवेकानन्द ग्रामीण
विकास संस्थान, नगड़ी, सूर्य मंदिर ट्रस्ट, धुर्वा, लीलावती ट्रस्ट, रांची,
स्वर्णरेखा अभियान, दामोदर विकास ट्रस्ट, युगांतर भारती एवं महाराणा प्रताप सेवा
संस्थान के प्रमुख एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे। इनमें सुधीर कुमार (समीर), अंशुल शरण,
तापेश्वर केशरी, आशीष कुमार शीतल, इंजि. परिमल सिंह तोमर, इंजि. जसपाल, प्रो. विनय
कुमार, डॉ. कुमारी ज्योत्सना, इंजि. बीपी आर्या, डॉ. के.के. सिंह, इंजि. आर.एस.पी.
सिंह, इंजि. जी.एस. सिन्हा, डॉ. सुमन एक्का, मो. इस्माईल आलम, पूजा कुमारी, इंजि.
अवधेश सिंह, बिरेंद्र नारायण सिंह प्रदीप महतो आदि शामिल थे।
(अपडेटेड: 09 मई 2022, 16:04 IST)
(स्रोत: विशेष मीडिया सर्विस - भारत)
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