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बिजली कटौती पर वार:
'बिजली पर सब्सिडी न सही, परंतु 20 घंटे बिजली तो मिले'

झारखंड प्रदेश वैश्य महासम्मेलन ने खोला हेमंत सरकार के खिलाफ मोर्चा

संजय पोद्दार की फाइल फोटो

रांची: झारखंड प्रदेश वैश्य महासम्मेलन ने राज्य में चल रहे गंभीर बिजली संकट पर हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया है। महासम्मेलन के प्रदेश सचिव संजय पोद्दार ने हेमंत सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार भले ही 400 यूनिट बिजली पर सब्सिडी न दे सके, परंतु इस भीषण गर्मी में राज्य की जनता को कम से कम 20 घंटे की बिजली तो उपलब्ध करा दे।

एक बयान जारी करके संजय पोद्दार ने कहा कि झारखंड में बिजली की स्थिति बद से भी बदतर होती जा रही है। रांची में गर्मी का जो हाल है, उसके कारण छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग और व्यापारी वर्ग तक सभी परेशान हैं। रात में बिजली कब आती है और कब जाती है, पता ही नहीं चलता।

उन्होंने कहा कि दिन में भी वही हाल है। गर्मी के कारण बच्चे न तो ठीक से पढ़ाई कर पा रहे हैं और न ही रात में सो पा रहे हैं। बुजुर्गों की स्थिति भी बहुत बुरी है। राज्य की जनता त्राहिमाम कर रही है। परंतु हेमंत सरकार का ध्यान इस समस्या के समाधान पर है ही नहीं।

संजय पोद्दार ने कहा कि बिजली की गंभीर समस्या के कारण राज्य में जल संकट भी उत्पन्न हो गया है। बिजली न रहने के कारण समय पर लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश के स्लम इलाकों में तो लोगों को पानी लाने के लिए 2 से 3 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। इसके बाद भी इस बात की गारंटी नहीं है कि लोगों को पानी मिल ही जाएगा।

उन्होंने कहा कि बिजली कटौती के कारण व्यापारी वर्ग पर भी बहुत बड़ी चोट पड़ी है। डीजल महंगे होने के बावजूद उन्हें जनरेटर के भरोसे व्यापार करना पड़ रहा है। बिजली की स्थिति ऐसी हो गई है कि इनवर्टर भी ठीक से चार्ज नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण इलाकों का हाल तो और भी बुरा है। सरकार को इस समस्या के समाधान पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।

संजय पोद्दार ने कहा कि राज्य सरकार ने 400 यूनिट बिजली पर सब्सिडी देने की बात कही थी। परंतु इसका लाभ जनता को नहीं मिल सका। ऐसी स्थिति में सरकार भले ही 400 यूनिट बिजली पर सब्सिडी न दे, परंतु इस भीषण गर्मी में राज्य की जनता को कम से कम 20 घंटे की बिजली ही उपलब्ध करा दे।

उन्होंने कहा कि राज्य में इस समय में भी वीआईपी कल्चर इस कदर हावी है कि आम जनता बिजली के लिए पूरे पैसे देती है, लेकिन बिजली की पूरी सुविधा वीआईपी इलाकों में मिलती है। मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सरकार के आला अधिकारियों सहित अन्य वीआईपी लोगों के घरों की बिजली नहीं के बराबर कटती है, जबकि आम जनता बिजली कटौती के कारण त्राहि-त्राहि कर रही है। यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है।

(अपडेटेड: 25 अप्रैल 2022, 19:26 IST)

(विशेष खबर ब्यूरो)

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