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देवघर रोपवे हादसा:
'हेमंत सरकार ने पार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा'

राज्य सरकार सक्रिय रहती, तो राहत कार्य और जल्दी प्रारंभ होता: सेठ

संजय सेठ की फाइल फोटो

राँची: राँची से लोकसभा सांसद संजय सेठ ने देवघर के त्रिकूट रोपवे हादसे पर गहरा दुख जताते हुए झारखंड में सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन की सरकार की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल की मिलीजुली सरकार को संवेदनहीन करार देते हुए कहा कि इस सरकार ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को भी पार कर दिया है। सरकारी कार्यशैली से ही इसकी मानसिकता का पता चलता है।

एक बयान जारी कर सांसद संजय सेठ ने कहा कि यह दुखद घटना राज्य सरकार में मंत्री का पद संभाल रहे नेता के क्षेत्र में हुई है। परंतु उन्होंने तत्काल घटनास्थल पर जाना आवश्यक नहीं समझा। यहाँ तक कि पर्यटन मंत्री को भी घटनास्थल पर पहुँचने में 12 से 15 घंटे तक का समय लग गया। इसे क्या समझा जाए।

उन्होंने हेमंत सरकार पर प्रश्न उठाया कि यह कैसी सरकार है, जिसके नागरिक इतने लंबे समय तक रोपवे में फंसे रहे और जीवन की भीख माँगते रहे, पल-पल डर और दहशत के साए में साँस लेते रहे, जिनके परिजन चिंता के मारे हलकान होते रहे, परंतु सरकार आराम से बैठी रही। इसी से साबित होता है कि इस सरकार ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को पार कर दिया है।

संजय सेठ ने भारत सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार जताते हुए कहा कि भारत सरकार ने इस पूरे मामले में जो सक्रियता दिखाई, वह बहुत प्रशंसनीय है। भारत सरकार ने राहत कार्य के लिए आईटीबीपी के जवानों, सेना के जवानों, एनडीआरएफ की टीम और यहाँ तक कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी लगा दिए, ताकि नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके।

उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार सक्रिय रहती, तो राहत और बचाव का यह कार्य और भी जल्दी प्रारंभ हो सकता था उन्होंने संबंधित क्षेत्र के विधायक निशिकांत दुबे की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने प्रमाणित कर दिया है कि जनप्रतिनिधि को कैसा होना चाहिए। इस घटना के बाद से ही निशिकांत दुबे वहाँ लगातार डेरा डालकर बैठे रहे और भारत सरकार के साथ समन्वय स्थापित करते रहे।

संजय सेठ ने कहा कि सांसद निशिकांत दुबे के प्रयासों का परिणाम रहा कि हमारे कई नागरिक सुरक्षित निकाले जा सके। उन्होंने इस घटना के बाद राहत और बचाव के कार्य में जुटे सभी जवानों के प्रति आभार भी व्यक्त किया।

(अपडेटेड: 11 अप्रैल 2022, 17:48 IST)

(विशेष खबर ब्यूरो)

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