भद्दा मजाक: 'बार-बार महँगाई बढ़ाकर जनता की कमर तोड़नी की साजिश'
सभी प्रकार के ईंधन के मूल्य का निर्धारण केंद्र सरकार स्वयं करे: शुभेंदु सेन
महँगाई के विरोध में भाकपा माले का प्रदर्शन
राँची:
पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस आदि जैसी रोजमर्रा के उपयोग वाली चीजों की कीमतों में
बार-बार होने वाली वृद्धि देश की जनता के साथ एक भद्दा मजाक है। केंद्र सरकार
लगातार जनता को छल रही है और उनके जीवन को पहले से भी अधिक कठिन बनाने पर तुली हुई
है। सरकार को तत्काल सभी प्रकार के ईंधन के मूल्य का निर्धारण अपने हाथों में लेकर
आम आदमी को राहत प्रदान करनी चाहिए।
भाकपा माले केंद्रीय कमिटी के सदस्य शुभेंदु सेन ने बढ़ती महँगाई के विरोध में पार्टी
द्वारा प्रारंभ किए गए अभियान के दौरान राँची के अल्बर्ट एक्का चौक पर आयोजित रैली
और सभा को संबोधित करते हुए उपरोक्त बातें कहीं। उन्होंने देश में लगातार बढ़ रही
महँगाई को देश की जनता की कमर तोड़ने की साजिश बताते हुए केंद्र सरकार को आड़े हाथों
लिया।
बता दें कि पिछले दिनों आयोजित भाकपा माले की केंद्रीय कमिटी की बैठक में लगातार बढ़
रही महँगाई के विरोध में 7 अप्रैल से 13 अप्रैल तक एक सप्ताह का विरोध प्रदर्शन करने
का निर्णय लिया गया था। इसी विरोध प्रदर्शन अभियान के पहले दिन भाकपा माले
कार्यकर्ताओं ने 'पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की मूल्य वृद्धि वापस लो' और 'पेट्रोल
डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करो' सहित महँगाई विरोधी अन्य नारे लिखी तख्तियों के
साथ राँची के अल्बर्ट एक्का चौक तक एक रैली निकाली और सभा आयोजित की।
शुभेंदु सेन ने कहा कि बेरोजगारी, गरीबी और भूख की मार सह रहे आम लोगों की क्रय
शक्ति अब और भी कम हो गई है। साथ ही 2 वर्ष तक कोरोना महामारी की मार ने भी लोगों
की कमर तोड़ दी है। इसलिए सरकार को तत्काल तबाही उत्पन्न करने वाली डिरेगुलेशन की
नीति पर रोक लगाते हुए सभी प्रकार के ईंधन के मूल्य निर्धारण का उत्तरदायित्व अपने
हाथ में लेकर आम आदमी को राहत देनी चाहिए।
भाकपा माले की राज्य कमिटी के स्थाई सदस्य
भुवनेश्वर केवट ने कहा कि तेल की कीमतें बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार की दलील
मात्र एक बहाना है। भारत में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस जैसी चीजों की कीमतें पड़ोसी
देशों से भी अधिक हैं। केंद्र सरकार बड़ी कंपनियों के हाथों की कठपुतली बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार को अमीरों से टैक्स वसूल कर आम जनता को महँगाई से राहत देते
हुए अपना चुनावी वादा पूरा करना चाहिए। केंद्र सरकार को बड़बोलापन दिखाने के बजाय
अपनी कथनी और करनी में समानता लाकर जनहित में काम करना चाहिए।
इस महँगाई विरोधी रैली, प्रदर्शन और सभा में भाकपा माले राज्य कमिटी के सदस्य मोहन
दत्ता, नगर सचिव नंदिता भट्टाचार्य, मजदूर नेता भीम साहू, सोहेल अंसारी, अभय साहू,
नौरीन अख्तर, आयती तिर्की, शांति सेन, अमानत गद्दी, लक्ष्मी सहित कई अन्य भाजपा नेता
एवं कार्यकर्ता शामिल थे।
(अपडेटेड: 07 अप्रैल 2022, 19:58 IST)
(विशेष खबर ब्यूरो)
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