बनेगी रणनीति: झरिया में जुटेंगे भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका के भाषाई नेता
बोकारो-धनबाद से भाषाओं को हटाने के विरोध में बड़ा हो रहा है आंदोलन
भाषाई अस्मिता को लेकर बड़ी तैयारी में है मंच
राँची:
अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मगही, मैथिली, अंगिका मंच की ओर से इन भाषाओं की मान्यता
को लेकर चलाया जा रहा अभियान एक बार फिर से गति पकड़ रहा है। इसी कड़ी में 8 अप्रैल (शुक्रवार)
को झरिया (धनबाद) के डिगबाडीह धर्मशाला में मंच के बैनर तले एक महत्वपूर्ण बैठक
बुलाई गई है। इस बैठक के दौरान भाषाई आंदोलन को लेकर बड़ी रणनीति तैयार किए जाने की
संभावना है।
'विशेष खबर' से हुई बातचीत के दौरान मंच के महासचिव संतोष सोनी ने बताया कि बैठक
में हेमंत सरकार द्वारा बोकारो-धनबाद से भोजपुरी, मगही, मैथिली एवं अंगिका भाषाओं
की क्षेत्रीय मान्यता समाप्त करने के विरोध में किए जा रहे प्रतिकार को बुलंद किया
जाएगा। साथ ही इन भाषाओं का उपयोग करने वालों को एकजुट करने की रणनीति भी बनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि मंच की ओर से लगातार 15 नवंबर, 2000 को झारखंड की स्थापना के दिन
को ही स्थानीयता का आधार बनाने की माँग को लेकर जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। इस
विषय पर लोगों को जागरूक करके उन्हें अपने अधिकारों के लिए आगे आने का आह्वान भी
किया जा रहा है।
संतोष सोनी ने बताया कि झरिया में होने वाली
बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के
तहत झारखंड में प्रमंडलवार भाषाई अस्मिता के लिए एवं 1932 के खतियान पर आधारित
स्थानीय नीति के विरोध में अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मगही, मैथिली, अंगिका मंच की
ओर से सार्वजनिक स्थानों पर लगातार आवाज उठाई जा रही है। बैठक में इन बिंदुओं पर
महत्वपूर्ण चर्चा होगी।
उन्होंने बताया कि यह बैठक अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मगही, मैथिली, अंगिका मंच और
मगही, भोजपुरी, अंगिका संस्कृति बचाओ मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जाएगी।
बैठक के दौरान अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मगही, मैथिली, अंगिका मंच के अध्यक्ष
कैलाश यादव और मगही, भोजपुरी, अंगिका संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक मदन राम,
जितेंद्र पासवान, अभिषेक सिंह बंटी सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहेंगे।
(अपडेटेड: 07 अप्रैल 2022, 17:40 IST)
(विशेष खबर ब्यूरो)
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