मनरेगा योजना: झारखंड में 88,331 परिवारों को मिला लाभ, दुमका अव्वल
राँची के 5,172 परिवारों ने उठाया लाभ, कोडरमा रहा फिसड्डी
साध्वी निरंजन ज्योति की फाइल फोटो
नई दिल्ली: मनरेगा माँग आधारित
मजदूरी रोजगार कार्यक्रम है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार एवं आजीविका की
सुरक्षा बढ़ाने का काम करता है। इस योजना के तहत विगत 3 वर्षों के दौरान झारखंड में
88,331 परिवारों को 100 दिन का रोजगार लाभ मिला है। इनमें सबसे अधिक 8,472 परिवार
दुमका से हैं, जबकि सबसे कम 967 परिवार कोडरमा जिले से हैं। इस मामले में 5,172
परिवारों के साथ राजधानी राँची पाँचवे स्थान पर है।
राँची के लोकसभा सांसद संजय सेठ की ओर से झारखंड में मनरेगा नियमों के अनुपालन,
मनरेगा मजदूरों को दी गई मजदूरी, 100 दिन के रोजगार और अब तक भारत सरकार द्वारा इस
मद में झारखंड को आवंटित की गई राशि से संबंधित प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने उक्त जानकारी दी। उन्होंने
बताया कि विगत 3 वर्षों के दौरान झारखंड को मनरेगा योजना के तहत 6,338 करोड़ रुपए
की राशि उपलब्ध कराई गई है।
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि मनरेगा आजीविका सुरक्षा प्रदान
करने की योजना है। इसके तहत ग्रामीणों को उस समय रोजगार के विकल्प प्रदान किए जाते
हैं, जब उनके पास कोई रोजगार न हो अथवा उनके पास कोई बेहतर अवसर उपलब्ध न हों।
उन्होंने कहा कि इसके तहत साल भर में 100 दिन की गारंटीशुदा रोजगार की व्यवस्था की
गई है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 के दौरान झारखंड को 1,538 करोड़ रुपए, 2019-20 के
दौरान 1,311 करोड़ रुपए और 2020-21 के दौरान 3,489 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं।
वर्ष 2019-20 के दौरान कार्यों में कुछ कमी आने के बावजूद 2021 में केंद्र सरकार ने
झारखंड को लगभग 3 गुना अधिक राशि उपलब्ध कराई।
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने संजय सेठ के प्रश्नों का उत्तर देते हुए
बताया कि अब तक मिली रिपोर्ट के अनुसार मनरेगा योजना के अंतर्गत झारखंड में मास्टर
रोल बंद होने के बाद 15 दिनों के अंदर शत-प्रतिशत लोगों को भुगतान किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि समय-समय पर पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर यह
सुनिश्चित किया जाता है कि सोशल ऑडिट के दौरान बेहतर कार्य निष्पादित हो सके हैं
अथवा नहीं।
झारखंड में मनरेगा के तहत 100 दिन का
रोजगार पाने वाले परिवारों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि झारखंड
के 88,331 परिवारों को इसका लाभ मिला है। इस मामले में 8,472 परिवारों के साथ दुमका
अव्वल रहा है। पश्चिम सिंहभूम जिले के 6,036 परिवारों को इस योजना का लाभ मिला, जबकि
गढ़वा जिले में 5,512 परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाया।
केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि राँची के
5,172 परिवारों ने मनरेगा के तहत 100 दिन का रोजगार प्राप्त किया। इस सूची में
मात्र 967 परिवारों के साथ कोडरमा सबसे निचले पायदान पर रहा। इस सूची में झारखंड की
राजधानी राँची को पाँचवा स्थान मिला है।
केंद्रीय मंत्री का उत्तर प्राप्त होने के बाद राँची के सांसद संजय सेठ ने बयान जारी
कर कहा कि लगातार मिल रहे आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि भारत सरकार झारखंड को रोजगार
और विकास दोनों ही कार्यों के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध करवा रही है। वर्ष 2020-21
में कोरोना संक्रमणकाल के दौरान सरकार ने लगभग 3.5 हजार करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध
करवाई थी, जो अपने आप में बहुत बड़ी रकम है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की इस सहायता का ही परिणाम है कि कोरोना संक्रमण काल के
दौरान भी ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाएँ संचालित भी हुईं और हमारे ग्रामीणों
को समुचित रोजगार भी मिल सका। उन्होंने राज्य सरकार से अधिक से अधिक योजनाएँ बनाने
का आग्रह करते हुए कहा कि केंद्र सरकार योजनाओं के आधार पर दोनों हाथ खोलकर राज्यों
को विकास के लिए पर्याप्त पैसा देने को तैयार है।
(अपडेटेड: 06 अप्रैल 2022, 15:28 IST)
(मीडिया इनपुट्स के साथ विशेष खबर ब्यूरो)
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