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दिशा-निर्देशों पर बवाल:
'रामनवमी महोत्सव को रोकने की हो रही है साजिश'

इतनी पाबंदियाँ तो इस्लामिक देशों में भी लागू नहीं: संजय पोद्दार

श्री महावीर मंडल डोरंडा ने जताया विरोध

राँची: रामनवमी की शोभायात्रा को लेकर झारखंड सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों पर बवाल मचना प्रारंभ हो गया है। विभिन्न समितियों और अखाड़ाधारियों ने झारखंड की हेमंत सरकार पर कानून का भय दिखाकर रामनवमी की पूजा और शोभायात्रा को रोकने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है। इसे लेकर रामभक्तों की टोली और झारखंड सरकार के बीच टकराव दिखने लगा है।

श्री महावीर मंडल डोरंडा केंद्रीय समिति के अध्यक्ष संजय पोद्दार और मंत्री पप्पू वर्मा ने राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि जब शराब की दुकानों को रात्रि 11 बजे तक खोलने की अनुमति है, तो शोभायात्रा को शाम 6 बजे ही समाप्त करने की पाबंदी क्यों लगाई गई है।

संजय पोद्दार और पप्पू वर्मा ने एक संयुक्त बयान जारी कर झारखंड की हेमंत सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार करोड़ों लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए रामनवमी महोत्सव के आयोजन को रोकने का षड्यंत्र रच रही है। उन्होंने कहा कि इतनी पाबंदियां तो इस्लामिक देशों में भी लागू नहीं होती हैं। उन्होंने सरकार द्वारा रामनवमी महोत्सव को लेकर जारी दिशा-निर्देशों को स्वीकार करने से स्पष्ट तौर पर इनकार कर दिया है।

'विशेष खबर' से बात करते हुए श्री महावीर मंडल डोरंडा केंद्रीय समिति के अध्यक्ष संजय पोद्दार ने कहा कि सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार रामनवमी शोभायात्रा में मात्र एक सौ लोग शामिल हो सकेंगे और डीजे तथा भजन बजाने पर पाबंदी रहेगी। शोभायात्रा को शाम 6 बजे तक समाप्त करना होगा। परंतु जब पूरे देश भर में लगभग सभी पाबंदियाँ हटा ली गई हैं, तो झारखंड के महत्वपूर्ण त्योहार रामनवमी पर इतनी पाबंदियाँ क्यों लगाई जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि पूरे झारखंड में विभिन्न मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हजारों हजार की संख्या में लोग सड़कों पर हैं। परंतु उन पर सरकार की पाबंदी नहीं है। इसी तरह बार में लोग शराब पीकर रात भर डीजे पर डांस करते हैं। रेस्टोरेंट और बीयर बार रात 11 बजे तक खुले रह सकते हैं, परंतु रामनवमी की शोभायात्रा में भगवान का भजन बजाने पर पाबंदी लगा दी गई है और इसे शाम 6 बजे तक समाप्त करने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। इतना बड़ा षड्यंत्र किस कारण से हो रहा है।

संजय पोद्दार ने कहा कि सरकार को पता होना चाहिए कि अष्टमी के रात्रि में भव्य झाँकी निकाली जाती है, जो रात्रि 2 से 3 बजे तक चलती है। इसके बाद लोग घर जाते हैं और सुबह उठकर सभी अखाड़ों में पूजा-अर्चना होती है। तब शोभायात्रा निकाली जाती है। ऐसी स्थिति में यह किसी भी तरह संभव नहीं होगा कि लोग 6 बजे तक पहुँच पाएँ। शोभायात्रा में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 100 पर सीमित करना भी असंभव होगा क्योंकि समितियाँ कितने लोगों को शोभायात्रा में शामिल होने से मना कर सकेंगी।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों लोहरदगा में उर्स का आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों की संख्या में लोग कव्वाली का मजा ले रहे थे। उक्त आयोजन पर पाबंदी नहीं लगाई गई, परंतु रामनवमी की शोभायात्रा पर तरह तरह की पाबंदियाँ लगाई जा रही हैं। यदि सरकार सोचती है कि लोगों को डराकर शोभायात्रा पर पाबंदी लगा दी जाएगी, तो ऐसा नहीं होने वाला।

संजय पोद्दार ने कहा कि यदि झारखंड सरकार रामनवमी की शोभायात्रा पर रोक भी लगा दे, तो भी शोभायात्रा अवश्य निकलेगी। इसलिए सरकार को शोभायात्रा के संबंध में जारी किए गए दिशा-निर्देशों को तत्काल वापस लेते हुए पूर्ण रूप से रामनवमी महोत्सव मनाने की अनुमति देनी चाहिए।

(अपडेटेड: 31 मार्च 2022, 17:06 IST)

(विशेष खबर ब्यूरो)

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