छठी जेपीएससी: उच्च न्यायालय ने दिया अभ्यर्थियों को झटका, याचिका खारिज
विज्ञापन नियमावली के विरुद्ध अतिरिक्त रिजल्ट को दी गई थी चुनौती
अभ्यर्थियों ने लिया उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला
राँची:
छठी जेपीएससी के मामले में सबसे पुराने राहुल कुमार वाद की सुनवाई करते हुए उच्च
न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में प्रारंभिक परीक्षा के
बाद सरकार के संकल्प को चुनौती दी गई थी। अब यह मामला उच्चतम न्यायालय में पहुँचने
की संभावना है। उच्च न्यायालय में दायर याचिका में विज्ञापन नियमावली के विरुद्ध
अतिरिक्त रिजल्ट को चुनौती दी गई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार छ्ठी जेपीएससी मामले में सबसे पुराने राहुल कुमार वाद की
सुनवाई उच्च न्यायालय की डबल बेंच में हुई, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया
है। इसमें प्रारंभिक परीक्षा के बाद सरकार के संकल्प को चुनौती दी गई थी। प्रार्थी
राहुल कुमार और अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा था कि 19 अप्रैल
2017 को राज्य सरकार द्वारा जारी संकल्प के कारण प्रारंभिक परीक्षा में पास हुए
5138 अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 6103 हो गई।
याचिका में कहा गया था कि नियमानुसार यह संख्या 15 गुना से 965 अधिक है। इसलिए
सरकार के उस संकल्प को रद्द कर देना चाहिए। मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के मुख्य
न्यायाधीश जस्टिस डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में हुई।
न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया।
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन और जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता
संजोय पिपरवाल एवं प्रिंस कुमार ने न्यायालय के समक्ष अपने-अपने पक्ष रखे।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद छ्ठी जेपीएससी
मामले को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि अब राहुल कुमार वाद के
मामले में उच्च न्यायालय के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।
अभ्यर्थियों ने उम्मीद जताई है कि इस मामले में उन्हें उच्चतम न्यायालय से न्याय
अवश्य मिलेगा।
जेपीएससी अभ्यर्थी अनिल पन्ना ने कहा कि छ्ठी जेपीएससी मामले में राहुल कुमार वाद
सबसे पुराना केस है, जिसमें विज्ञापन के नियमावली के विरुद्ध अतिरिक्त रिजल्ट को
चुनौती दी गई थी। इसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। परंतु हमें पूरी उम्मीद
है कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय से हमें न्याय अवश्य मिलेगा। अभ्यर्थी राज
कुमार मिंज ने कहा कि इस निर्णय को जल्द ही उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।
(अपडेटेड: 30 मार्च 2022, 19:04 IST)
(विशेष खबर ब्यूरो)
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