पूरे राज्य में निकाला गया बाल विवाह के खिलाफ पैदल मार्च, चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान
Ranchi News : केंद्र सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ (Child Marriage Free Bharat) के आह्वान पर झारखंड के बाजारों, स्कूलों, गांवों और कस्बों में हजारों लोग ढोल नगाड़ों के साथ सड़कों पर उतरे और ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ (जेआरसी) एलायंस के जागरूकता कार्यक्रमों में शामिल होकर इसका समर्थन किया।
राज्य के 24 जिलों के 4450 गांवों में लोगों ने जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया और बाल विवाह के खिलाफ मशाल जुलूस निकाले एवं रैलियां की। एक सामाजिक उद्देश्य के लिए एकजुटता के अभूतपूर्व प्रदर्शन में, पुलिस स्टेशनों, अदालतों, पंचायत सदस्यों, धार्मिक नेताओं, स्कूली बच्चों, शिक्षकों, धर्मगुरुओं, हलवाइयों और बाल विवाह पीड़ितों ने इस बुराई को समाप्त करने और कहीं भी बाल विवाह की जानकारी मिलने पर संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना देने की शपथ ली।
Child Marriage Abolition
गठबंधन ने अब तक रोके हैं ढाई लाख से भी अधिक बाल विवाह
बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए 250 से भी अधिक गैर-सरकारी संगठनों का गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ एलायंस बाल विवाह के खात्मे के लिए झारखंड के 24 जिलों में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ काम कर रहा है। ‘जेआरसी’ एलायंस ने कानूनी हस्तक्षेपों और परिजनों को समझा बुझा कर देश में 2,50,000 से अधिक बाल विवाह रोके हैं।
इस दौरान पूरे राज्य में हुए कार्यक्रम प्रतिज्ञाओं से गूंज उठे, “मैं बाल विवाह के खिलाफ हरसंभव प्रयास करने की शपथ लेता हूं। मैं यह सुनिश्चित करने की शपथ लेता हूं कि मेरे परिवार, पड़ोस या समुदाय में कोई बाल विवाह नहीं होगा। मैं बाल विवाह के किसी भी प्रयास की रिपोर्ट पंचायत और सरकारी अधिकारियों को करने की प्रतिज्ञा करता हूं।”
Stop Child Marriage
झारखंड में बहुत अधिक है बाल विवाह की दर
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (एनएचएफएस 2019-21) के आंकड़ों के अनुसार देश में 18 से 24 आयु वर्ग की 23.3 प्रतिशत लड़कियों का बाल विवाह हो जाता है, जबकि झारखंड में यह आंकड़ा 32.2 प्रतिशत है। बाल विवाह की पीड़ित बच्ची का पूरा जीवन दासता में गुजरता है।
बाल विवाह पीड़िता के लिए स्वतंत्रता के सभी दरवाजे बंद हो जाते हैं। साथ ही, बाल विवाह महिलाओं की श्रम बल में भागीदारी नहीं होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान की सराहना करते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) एलायंस के संस्थापक भुवन ऋभु ने देश से बाल विवाह के खात्मे के लिए शुरू किए गए इस अभियान को पूर्ण समर्थन देने की बात कही।
Child Marriage In India
गठबंधन में शामिल हैं 250 से भी अधिक संगठन
भुवन ऋभु ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान में सरकार के प्रयासों में हरसंभव सहयोग का वादा भी किया। उन्होंने कहा, “करोड़ों माताओं और बच्चियों की पीड़ा और विषम परिस्थितियों से जूझने की उनकी इच्छा शक्ति के साथ ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ एलायंस के हमारे 250 से भी ज्यादा संगठनों के सहकर्मियों के अथक देशव्यापी प्रयासों से आज हम इस ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा कि आज आगे बढ़ते हुए हम राज्य की सरकार से उम्मीद करते हैं कि सभी हितधारकों के साथ साझेदारियों का लाभ उठाते हुए बचाव, सुरक्षा और अभियोजन की एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देगी, जो लोगों के व्यवहार में स्थायी बदलाव लाने में सहायक होगा।”
Child Marriage In Jharkhand
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने गुरुवार को शुरू किया था अभियान
बता दें कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने 27 नवंबर (गुरुवार) को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करते हुए देश के नागरिकों से बाल विवाह के खात्मे के प्रयासों में सहभागिता का आह्वान किया था। इस दौरान उन्होंने देशभर की पंचायतों व स्कूलों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई थी। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही शपथ लेने वालों की संख्या 25 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
आगामी महीनों में इस अभियान को झारखंड के एक-एक जिले, ब्लॉक और गांव तक पहुंचाने के लिए जेआरसी के सदस्य सरकार के साथ निकटता से कार्य करेंगे। गठबंधन को विश्वास है कि यह अभियान जमीनी स्तर पर ग्राम पंचायतों के साथ मिलकर बाल विवाह के खिलाफ प्रयासों को और गति देगा तथा समाज के सभी हित धारकों के सहयोग से जनता को जागरूक कर इस अपराध के खात्मे में सहायक होगा।
-विशेष खबर ब्यूरो
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