झामुमो के केंद्रीय महासचिव और पंचायती राज विभाग की निदेशक से मिलकर फिर लगाई गुहार
Ranchi Desk : राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ (Panchayat Sachivalaya Swayamsevak) ने सरकार को एक नया अल्टीमेटम दिया है। संघ ने अपनी रणनीति में कुछ परिवर्तन करते हुए सरकार को आगामी 26 फरवरी तक का समय दिया है और चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें तब तक नहीं मानी गईं, तो वे 27 फरवरी से विधानसभा का घेराव करने को मजबूर हो जाएंगे।
अपनी मांगों को लेकर पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप सिंह के नेतृत्व में दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने धरना-प्रदर्शन के 231वें दिन झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय और पंचायती राज विभाग की निदेशक निशा उरांव से अलग-अलग मुलाकात की। संघ ने उन्हें अपनी मंशा बता दी है।
Panchayat Sachivalaya Swayamsevak News in Hindi
आगामी 27 फरवरी से 2 मार्च तक हो सकता है विधानसभा घेराव
इस मुलाकात के बाद चंद्रदीप कुमार ने बताया कि उनकी मुलाकात एक अच्छे माहौल में हुई। इस दौरान उन्होंने झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय और पंचायती राज विभाग की निदेशक निशा उरांव को पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की समस्याओं के बारे में पूरी जानकारी भी दी।
संघ की ओर से उन्हें बता दिया गया है कि स्वयंसेवक किसी तरह का संघर्ष नहीं चाहते हैं। इसलिए सरकार को 26 फरवरी तक उनकी 5 सूत्री मांगें मान लेनी चाहिए। परंतु इस समय तक उनकी मांगें न माने जाने की स्थिति में संघ के सदस्य और उनके परिवार वाले हजारों की संख्या में आगामी 27 फरवरी से 2 मार्च तक विधानसभा के सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
Panchayat Sachivalaya Swayamsevak Protest Continues
सरकार, मंत्री और विभाग में से कोई भी नहीं दिखा रहा है गंभीरता
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने बताया कि संघ की मांगों को लेकर सरकार, मंत्री और संबंधित विभाग की ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। इसलिए संघ ने 26 फरवरी तक मांगें पूरी न होने की स्थिति में एक बार फिर से विधानसभा का घेराव करने की तैयारी शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि यदि संघ की मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो आगामी 27 फरवरी से लेकर 2 मार्च तक होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान संघ के सदस्य लगातार विधानसभा का घेराव करेंगे। इस घेराव में राज्य भर के हजारों पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
Panchayat Sachivalaya Swayamsevak Sangh News in Hindi
भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं स्वयंसेवक
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने बताया कि हर Panchayat Sachivalaya Swayamsevak की प्रोत्साहन राशि का ढाई से तीन लाख रुपया बकाया है। इस कारण स्वयंसेवकों को भारी आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। लेकिन सरकार ने आंखें मूंद रखी हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाना-लिखाना और पालना-पोसना तक मुश्किल हो चुका है। लगभग सभी स्वयंसेवकों और उनके परिवारों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है। पहले भी धरना दिया गया था, लेकिन सरकार ने पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की मांगों पर कोई विचार तक नहीं किया।
Panchayat Sachivalaya Swayamsevak Sangh Jharkhand
सभी ने केवल आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लिया
चंद्रदीप कुमार ने बताया कि संघ के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व में भी अपनी मांगों के संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय, पंचायती राज निदेशक निशा उरांव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे से भी वार्ता की है। लेकिन इन सभी ने केवल आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में किसी भी स्तर पर पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। गरीब स्वयंसेवकों की समस्याओं से किसी को कुछ भी लेना-देना नहीं है। यही कारण है कि पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की समस्याओं और आंदोलन को समाप्त करवाने के लिए सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई।
Panchayat Sachivalaya Swayamsevak Demands
क्या हैं पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ की मांगें?
बता दें कि पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री की वार्ता, स्वयंसेवकों के लिए निश्चित मानदेय लागू करने, इनकी सेवाएं नियमित करने, इन्हें पंचायती राज विभाग में समायोजित करने तथा पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों का नाम बदलकर पंचायत सहायक करने की मांगों को लेकर संघ के बैनर तले पिछले वर्ष 8 जुलाई से राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ था।
इस दौरान संघ के सदस्यों ने विधानसभा का घेराव, मंत्रियों के आवासों के समक्ष नंग-धड़ंग प्रदर्शन आदि के माध्यम से भी सरकार को जगाने का प्रयास किया था। इस बीच संघ के कई सदस्य बीमार भी पड़ गए थे। बाद में विभिन्न स्तरों पर आश्वासन मिलने के बाद पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ ने आंदोलन को स्थगित किया था। अब तक इस आंदोलन को 231 दिन हो चुके हैं।
-विशेष खबर ब्यूरो
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