पूर्ण आवासीय-शरीर शुद्धि प्राकृतिक उपचार शिविर 7 से 12 जनवरी तक धनबाद में
Ranchi News : पवित्रम सेवा परिवार के बैनर तले आयोजित होने वाले आवासीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर (Naturopathy Camp) के लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो गई है। इसके तहत कुल 80 महिला एवं पुरुषों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। यह शिविर 6 दिवसीय होगा और आगामी 7 जनवरी से 12 जनवरी तक धनबाद में आयोजित किया जाएगा।
उपरोक्त जानकारी देते हुए पवित्रम सेवा परिवार के प्रांतीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने बताया कि संस्था के तत्वावधान में 6 दिवसीय पूर्ण आवासीय-शरीर शुद्धि (विषाक्तता निवारण) प्राकृतिक उपचार शिविर 7 जनवरी 2025 से 12 जनवरी तक धनबाद में आयोजित किया जाएगा।
Naturopathy Camp In Jharkhand
झारखंड में पहली बार आयोजित हो रहा है यह शिविर
संजय सर्राफ ने बताया कि झारखंड में पहली बार आयोजित हो रहे इस शिविर में देश के कई चिकित्सा विशेषज्ञ तथा चिकित्सा टीम उपचार करने हेतु भाग लेंगी। इस 6 दिवसीय आवासीय उपचार शिविर का उद्देश्य आहार और जीवन शैली को सुधारते हुए प्राकृतिक चिकित्सा शैलियों के माध्यम से शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ करना है।
उन्होंने बताया कि इस शिविर में प्राकृतिक आहार एवं उपचार के माध्यम से सभी साध्य एवं असाध्य रोगों का उपचार किया जाएगा। इस प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में भाग लेने हेतु रजिस्ट्रेशन की प्रकिया शुरू की जा चुकी है। इस शिविर में चिकित्सा हेतु कुल 80 महिला एवं पुरुषों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
Naturopathy Camp In Dhanbad
प्रतिदिन ओपीडी की भी होगी व्यवस्था
पवित्रम सेवा परिवार के प्रांतीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने बताया कि इस दौरान प्रतिदिन निःशुल्क ओपीडी की व्यवस्था भी होगी। लोग ओपीडी के माध्यम से भी लाभ ले सकेंगे। शिविर के मुख्य प्रेरणास्रोत संस्था के संयोजक अजय भरतिया हैं।
उन्होंने बताया कि इस शिविर में प्राकृतिक आहार एवं उपचार के माध्यम से सभी साध्य एवं असाध्य रोगों का उपचार किया जाएगा, जिनमें मधुमेह, मोटापा, कब्ज, गैस, एसिडिटी, रक्तचाप, हृदय रोग, दमा, जोड़ों का दर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द, आंखों में जलन, त्वचा रोग, सर दर्द, अनिद्रा, तनाव, चिंता, मानसिक रोग आदि शामिल हैं। इस चिकित्सा से ऐसे अनेक रोगों में स्थाई लाभ होता है।
Naturopathy Camp In January
विजातीय पदार्थ जमा होने से होती है रोगों की उत्पत्ति
संजय सर्राफ ने कहा कि रोग शरीर में अचानक उत्पन्न नहीं होते, बल्कि शरीर के अंदर लगातार विजातीय पदार्थ (गंदगी) जमा होने से रोगों की उत्पत्ति होती है। घातक रोगों का अंत मृत्यु के रूप में होता है। इन सभी रोगों से बचने के लिए नियमित रूप से शरीर शुद्धि आवश्यक है।
शिविर में किए जाने वाले उपचारों में सूर्यवाष्प स्नान, नस्यपूरन, कल्प उपचार, अग्निहोत्र, प्राकृतिक आहार, जलोपचार, मिट्टी द्वारा उपचार, स्टीम बाथ (वाष्प स्नान), रस्सी उपचार, योग निद्रा, रबर नेति उपचार, गरम पाद स्नान, योगासन, जलनेती, वमन (कुंजल) फॉल लपेट उपचार, कम्बल लपेट उपचार, शरीर शुद्धि शामिल हैं। शिविर में शामिल होने के लिए 3 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है।
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-विशेष खबर ब्यूरो
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