प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा – याचिका में जानबूझकर डिफेक्ट छोड़कर ईडी के सम्मन मामले को लटका रहे हैं सीएम
Ranchi News : प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जानबूझकर हाई कोर्ट को भटका रहे हैं। BJP Jharkhand ने इन बातों के साथ CM Hemant Soren पर हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में जानबूझकर डिफेक्ट छोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है। इसके साथ ही पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री पर ईडी के सम्मन को हाई कोर्ट के माध्यम से लटकाने का आरोप भी लगाया है।
मुख्यमंत्री और उनकी लीगल टीम हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में जानबूझकर डिफेक्ट छोड़ रही है, ताकि ईडी के सम्मन के मामले को लटकाया जा सके।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी लीगल टीम हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में जानबूझकर डिफेक्ट छोड़ रही है, ताकि ईडी के सम्मन के मामले को लटकाया जा सके। मुख्यमंत्री के इशारे पर उनकी लीगल टीम ने इस याचिका में 5 डिफेक्ट छोड़े हैं।
Vishesh Khabar News
भूलवश नहीं, जानबूझकर छोड़े गए 5 डिफेक्ट
प्रतुल शाहदेव ने BJP Jharkhand की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि हाई कोर्ट की वेबसाइट से निकाले गए दस्तावेज बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री की लीगल टीम ने गत 23 सितंबर को हाई कोर्ट में जो याचिका दाखिल की है, उसमें 5 डिफेक्ट लगे हैं। ऐसा भूलवश नहीं हुआ, बल्कि जानबूझकर किया गया है।
प्रतुल ने कहा यह सिर्फ चतुराई और धूर्तता से ईडी सम्मन मामले को उलझाने का प्रयास है। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री के महंगे वकीलों और लीगल टीम को यह भी नहीं पता कि याचिका की एक्स्ट्रा कॉपी दी जाती है।
झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन के नेता जोर-शोर से कहते हैं कि मुख्यमंत्री ED के सम्मन के खिलाफ हाई कोर्ट गए हैं, लेकिन इन याचिकाओं में जानबूझकर डिफेक्ट छोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा कि झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन के नेता जोर-शोर से कहते हैं कि मुख्यमंत्री ED के सम्मन के खिलाफ हाई कोर्ट गए हैं, लेकिन इन याचिकाओं में जानबूझकर डिफेक्ट छोड़ दिया गया। यानी जबतक डिफेक्ट दूर नहीं होगा, तबतक मामला सूचीबद्ध नहीं होगा। इस तरह से एक बार फिर मामले को लटकाने का प्रयास हो रहा है।
राज्यपाल के खिलाफ याचिका में भी छोड़ी गई थी डिफेक्ट
BJP Jharkhand के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा याचिका में डिफेक्ट छोड़कर याचिका को लटकाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी नवंबर 2022 में जब झारखंड के राज्यपाल के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया गया था, तो उसमें भी जानबूझकर डिफेक्ट छोड़ दिया गया। इसलिए वह मामला आज तक सूचीबद्ध नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि उस समय मुख्यमंत्री ने खूब प्रचार किया था कि वे राज्यपाल के खिलाफ उच्च न्यायालय गए हैं, लेकिन आज भी वह मामला सूचीबद्ध तक नहीं हो सका। लगता है कि इन मुकदमों में जानबूझकर डिफेक्ट छोड़ दिया जाता है, ताकि मामला हाई कोर्ट में फाइल तो हो जाए, लेकिन सूचीबद्ध न हो सके।
CM की यह चाल अधिक दिनों तक कामयाब नहीं हो सकेगी
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि BJP Jharkhand मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल पूछती रहेगी। CM को पता है कि कानून के लंबे हाथ उन तक पहुंच गए हैं, इसलिए वे सारे मामले को अधिक से अधिक टालने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन यह चाल अधिक दिनों तक कामयाब नहीं हो सकेगी। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि आखिर वह मामला डिफेक्ट के कारण 11 महीने से हाई कोर्ट में लंबित क्यों है।
पूरे मामले को लटकाने के लिए ही डिफेक्ट छोड़े जा रहे हैं, ताकि वे सूचीबद्ध होकर सुनवाई में शामिल न हो सकें।
प्रतुल ने कहा कि यह बात गले नहीं उतरती कि मुख्यमंत्री ने जिन वकीलों को लाखों रुपए की फीस देकर हायर किया है, उन्हें ऐसे डिफेक्ट को दूर करने में कोई परेशानी होगी। असल बात यह है कि पूरे मामले को लटकाने के लिए ही डिफेक्ट छोड़े जा रहे हैं, ताकि वे सूचीबद्ध होकर सुनवाई में शामिल न हो सकें।
इस पत्रकार वार्ता में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव, मोर्चा के प्रभारी एवं पूर्व विधायक रामकुमार पाहन और मोर्चा के महामंत्री विंदेश्वर उरांव भी उपस्थित रहे।
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