बुधवार को भी सभी जिलों में निकाला था मशाल जुलूस
Ranchi News : आखिरकार झारखंड के आंगनबाड़ी (Anganwadi) सेविका-सहायिका संघ ने शनिवार से हड़ताल शुरू कर दी। झारखंड सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। इससे राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों का काम पूरी तरह से ठप पड़ जाएगा।
बता दें कि राज्य की आंगनबाड़ी सेविकाएं-सहायिकाएं अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रही थीं। इससे पहले इन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार को भी सभी जिलों में मशाल जुलूस निकालकर सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश दिखाया था।
Anganwadi Sangh News
क्या हैं आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ की मांगें?
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ ने विभाग की ओर से जारी सेवा शर्त नियमावली में आवश्यक संशोधन करते हुए समय पर मानदेय वार्षिक वृद्धि का लाभ देने और सहायक अध्यापक की तर्ज पर सेविकाओं-सहायिकाओं के लिए मानदेय का प्रावधान करने की मांग कर रखी है।
साथ ही संघ ने मानदेय के केंद्रीय एवं राज्य के अंश का भुगतान हर माह नियमित समय पर एक साथ करने, ग्रेच्युटी एवं पेंशन जैसे सेवानिवृत्ति के लाभ के भुगतान और महिला पर्यवेक्षिका की बहाली के नियमों में संशोधन कर कार्यरत सेविकाओं को प्राथमिकता देने की मांग भी की है।
Anganwadi News Jharkhand
लंबे समय से चल रहा है आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं का आंदोलन
बता दें कि झारखंड आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ की सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को भी राज्य के सभी जिलों में मशाल जुलूस निकाला था। मशाल जुलूस के दौरान इन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी थी।
इससे पहले सभी सेविकाओं-सहायिकाओं ने 23 सितंबर को भी मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था। तब गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने इन्हें आश्वासन दिया था कि 27 सितंबर को झारखंड कैबिनेट की बैठक में आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के हित में निर्णय लिया जाएगा। हालांकि इस आश्वासन के बाद भी बैठक में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
Anganwadi Strike in Jharkhand
इस हड़ताल से क्या होगा असर?
राज्य की आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के हड़ताल पर जाने से पूरे प्रदेश भर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लटक जाएंगे और बच्चों को पोषण युक्त आहार नहीं मिल सकेगा। साथ ही 6 साल से कम उम्र के बच्चों का समय पर टीकाकरण भी नहीं हो सकेगा क्योंकि वे 6 साल तक के बच्चों के लिए टीका उपलब्ध कराने का काम भी करती हैं।
इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ-साथ नवजात शिशुओं और नर्सिंग माताओं की देखभाल की जिम्मेदारी भी आंगनबाड़ी सेविकाओं पर ही होती है। इसलिए आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के हड़ताल पर चले जाने से ये सभी काम रुक जाने की आशंका है।
-विशेष खबर ब्यूरो
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