December 24, 2024

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ABVP Jharkhand ने प्रदर्शन कर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन पर लगाए गंभीर आरोप, राजभवन को सौंपा 11 सूत्री मांग पत्र

ABVP Jharkhand ने प्रदर्शन कर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन पर लगाए गंभीर आरोप, राजभवन को सौंपा 11 सूत्री मांग पत्र

Ranchi Desk : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद झारखंड (ABVP Jharkhand) के द्वारा राजभवन के समक्ष राज्य में व्याप्त शैक्षणिक कुव्यवस्था के विरुद्ध एक दिवसीय छात्र हुंकार धरना का आयोजन किया गया। इस छात्र हुंकार धरना में 24 जिला से प्रदेश भर से हजारों की संख्या में छात्र छात्राओं ने सम्मिलित होकर अपने हक और अधिकार के लिए, राज्य में व्याप्त शैक्षणिक दूराव्यवस्था के विरुद्ध हुंकार भरी।

ज्ञात हो झारखंड में लगभग एक वर्ष से 5 विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपति नहीं है, साथ ही विश्वविद्यालय के अधिकांश प्रशासनिक पद रिक्त है, इसके साथ ही राज्य के अधिकांश महाविद्यालयों में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों व प्रयोगशाला, पुस्तकालय, पेयजल, शौचालय जैसे बुनियादी सुविधाओं से भी जूझ रहा है।

ABVP Jharkhand Protest

अभाविप लगातार विश्वविद्यालय स्तर पर पिछले एक वर्ष से कुलपति नियुक्ति, परिसर में व्याप्त नकारात्मक शैक्षणिक माहौल व विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचों को ठीक करने हेतु सड़कों पर संघर्षरत रहा है। अगर देखा जाए तो विगत 5 वर्षों से (2019 के बाद) झारखंड के किसी भी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराई गई है।

विश्वविद्यालय में निर्वाचित छात्र प्रतिनिधि नहीं होने के कारण छात्रों ने छोटी छोटी समस्याओं के निराकरण के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। विद्यार्थी परिषद लगातार इस विषय को लेकर संघर्ष कर रहा की छात्रसंघ, सीनेट , सिंडिकेट बहाल हो लेकिन राजभवन व राज्य सरकार के रवैए से यह प्रतीत होता है की किसी राजनैतिक रणनीति के तहत विश्वविद्यालय में छात्रसंघ, सीनेट, सिंडिकेट बहाल नहीं की जा रही है।

ABVP Jharkhand News in Hindi

छात्र हुंकार धरना को संबोधित करते अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि आज का आंदोलन छात्रों के रोजगार के लिए है, उनके बेहतर भविष्य के लिए है, ताकि आने वाली पीढ़ी हमसे यह सवाल ना करें कि जब झारखण्ड में लूट मची थी, तो हम कहां थे।

उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में मुख्यमंत्री नहीं बनता है वहां हाहाकार मच जाता है। उसी प्रकार अभी झारखण्ड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपति लम्बे समय से नहीं है। कई विश्वविद्यालय है जहां स्थायी कुलसचिव नहीं है। बहुत से डिग्री कॉलेजों में स्थाई प्राचार्य नहीं है, एक प्राचार्य को कई महाविद्यालय का जिम्मा दे दिया जाता है।

आखिर शिक्षा प्राप्त कर एवं शिक्षा से वंचित होकर आज बेरोजगारी के कारण युवा इधर उधर भटक रहे हैं। झारखण्ड सरकार ने वादे तो बहुत किए थे लेकिन वादे को पूरा करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करनें का काम किया है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार कर छात्रों का भविष्य अधर में लटकाने का भी प्रयास पूरे धड़ल्ले से इस झारखंड में किया जा रहा है।

ABVP Jharkhand Demand Letter

याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि पूरे झारखंड प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था बदहाली की कगार पर है, राज भवन एवं साथ ही राज्य सरकार से भी यह पूछना चाहता हूं कि ऐसी क्या मजबूरी है कि कुलपति नियुक्तियों को बीच में ही रोक दी गई, राजभवन को इसे लेकर एक श्वेत पत्र जारी करके आम छात्रों को स्पष्टीकरण देनी चाहिए कि कुलपति नियुक्ति प्रक्रिया को बीच में ही क्यों रोक दी।

कुलपतियों की नियुक्ति की विज्ञापन निकलने के बाद भी 9 महीने से अभी तक कुलपतियों की नियुक्ति नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय हाशिए पर चला गया है, साथ ही कुलपतियों की नियुक्तियां की विज्ञापन को निरस्त करना विश्वविद्यालय व छात्रों का सर्वांगीण विकास न होने में बड़ा रुकावट नजर आ रहा है, आखिर ऐसा क्या कारण है की नियुक्तियों को बीच में रद्द किया गया।

ABVP Jharkhand Alleges Government

आपको बता दें कि 2007 के बाद किसी भी प्रकार की स्थाई नियुक्ति प्राध्यापकों की नहीं हुई है साथ ही सभी महाविधालयों में 90% अस्थाई प्रभारी प्राचार्य के सहारे महाविद्यालय चल रही हो। वहां के शिक्षण व्यवस्था कैसी होगी आप परिकल्पना कर सकते हैं, रांची विश्वविद्यालय में 1032 पोस्ट अध्यापकों की स्वीकृत की हुई है, अभी तक 686 पोस्ट रिक्त पड़ी हुई है, आप समझ सकते हैं की बार-बार नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द किया जाना कहीं ना कहीं पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा करती है, रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत 18 अंगीभूत महाविद्यालय है जिसमे तीन स्थाई प्राचार्य ही मौजूद हैं।

छात्र संघ चुनाव न कराना, सीनेट, सिंडिकेट को बहाल न करना यहां के सत्ताधारी लोगों की नियत पर भी कहीं ना कहीं सवालिया निशान खड़ा करता है, दुर्भाग्य से झारखंड में ऐसी सरकार यहां चुन करके आई जो सीनेट सदस्य बहाल न करके विश्वविद्यालय में एक अव्यवस्था को खड़ा करने का भी कार्य इस सरकार की मंशा को साफ दिखाती है।

ABVP Jharkhand Story

उन्होंने कहा कि झारखंड में एक नई लूट की प्रणाली देखने को नजर आ रही है जिसे आउटसोर्स के माध्यम से हम जान सकते हैं। झारखंड में जितने भी विश्वविद्यालय हैं उसमें आउटसोर्स के जरिए पैसा उगाही का कार्य सिर्फ किया जा रहा है, अगर समय रहते आउटसोर्स को नहीं बाहर किया गया, तो यह पूरे शिक्षण व्यवस्था को निगल जाएगा।

याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि वेटरनरी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर ना होने के कारण छात्र शोध नहीं कर पा रहे हैं। पूरे झारखंड विश्वविद्यालय में प्राध्यापकों की कमी के कारण विद्यार्थी शोध करने में आज असमर्थ हैं। यही नहीं, नेट जीआरएफ क्वालिफाइड छात्र 500 से अधिक हैं जो आज एसोसिएट प्रोफेसर नहीं होने के कारण शोध करने में असमर्थ हैं।

ABVP Jharkhand Protest Ranchi

आपको बता दें कि विगत 8 वर्षों के पश्चात यह सरकार झारखंड संयुक्त योग्यता धारी परीक्षा का आयोजन करती है और वह भी भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जाती है। यह भी झारखंड के इतिहास में एक काला अध्याय के रूप में हम सभी देखते हैं। यहां की सरकार माल प्रैक्टिस में एवं उनके एजेंसियां एवं उनके दलाल खुद संलिप्त नजर आती है।

यहां की सरकार सिर्फ लूट, खसोट ,भ्रष्टाचार में लिप्त है यहां के युवाओं को ठगने का कार्य यहां की सरकार कर रही है, किसी भी प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए नियम, नीति, नियत साफ रखकर के हम आगे बढ़ सकते हैं जो कि यहां की सरकार में बिल्कुल नहीं दिख रही है।

ABVP Jharkhand Students

अभाविप के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य रोमा तिर्की ने कहा कि आज झारखंड में जनजातीय विद्यार्थियों को राजनीति के नाम पर ठगने का काम सिर्फ यह सरकार कर रही है। आज भी प्रदेश में जनजाति कल्याण छात्रावास की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पुराने छात्रावास है।

उन्होंने कहा कि वहां भी पुराने छात्रावास में छात्र नेताओं के सहयोग से गुंडागर्दी करके इस पर अवैध कब्जा करके रह रहे हैं। अभी तक झारखंड में एक विजन जाती है कि विश्वविद्यालय का निर्माण तो छोड़िए, सरकार चर्चा करना भी मुनासिब नहीं समझ रही है। जनजातीय हितैषी अपने आप को कहने वाली है झारखंड की सरकार सबसे ज्यादा जनजातीय लोगों को ही ठगने का कार्य करती आई है।

ABVP Jharkhand Letter to Government

अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रमेश उरांव ने कहा कि झारखंड की विश्वविद्यालय शिक्षा व्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। सरकार की भ्रष्ट नीति और राजभवन के मौन रवैये के कारण प्रदेश के छात्र आर्थिक व मानसिक रूप से आज अपने आप को शोषित व प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। जेएसएससी सीजीएल का पेपर लीक हो रहा है, दूसरी और विश्वविद्यालय अपने प्रवेश परीक्षा और परिणाम को ठीक नहीं कर पा रही है।

प्रदेश सह मंत्री शुभम राय ने कहा कि जहां एक और छात्रों को पठन-पाठन में व्यस्त रहना चाहिए था, वहीं वे उसके विपरीत अपने हक व अधिकार के लिए आज छात्र सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर है। कहीं ना कहीं विश्वविद्यालय एवं राजभवन की कुव्यवस्था के कारण विद्यार्थी आज संघर्ष कर रहा है, विद्यार्थी परिषद प्रवेश, परीक्षा, परिणाम कैसे सुदृढ़ हो इसको लेकर सदैव अग्रसर रहा है।

ABVP Jharkhand Protest News

प्रदेश सह मंत्री गौतम महतो ने कहा कि वर्तमान में जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा रद्द होने से छात्रों का महत्वपूर्ण समय बर्बाद हो गया। वह अपने जीवन को ठीक करने हेतु मेहनत कर परीक्षा दे रहे थे, जिसे बेचने का कार्य किया जा रहा है। छात्रों के भविष्य को सेटिंग कर बेचने का कार्य कर रही थी। इस धरना के माध्यम से हम यह आह्वान करते हैं कि विद्यार्थी परिषद इस भ्रष्ट सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकने का कार्य करेगा।

धरना-प्रदर्शन के दौरान राजभवन के प्रतिनिधि मजिस्ट्रेट रामकुमार उरांव ने एबीवीपी के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर 11 सूत्री मांगों के पत्र को स्वीकार करते हुए जल्द से जल्द मांगों के ऊपर कारवाई करने का भरोसा दिलाया।

ABVP Jharkhand Protest in Ranchi

इस धरना-प्रदर्शन में प्रदेश के सभी 24 जिलों से आए हुए हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं सम्मिलित रहे। इनमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन, राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य रोमा तिर्की, जनजातीय कार्य प्रमुख प्रमोद रावत, कार्यकारिणी सदस्य रमेश उरांव, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विशाल सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री राजीव रंजन, राष्ट्रीय प्रादेशिक विवि कार्य सह प्रमुख विनीत पांडेय, दुर्गेश यादव, सह मंत्री शुभम राय, गौतम महतो, डब्लू भगत, नवलेश सिंह, रितेश यादव, विवेक पाठक, शिवेंद्र सौरभ, सौरव विद्यानंद, निवास मंडल, अभिनव जीत, किरण ऋतुराज, अमन, सिद्धांत, शारदा, संजना, साक्षी, कार्तिक गुप्ता, प्रणव गुप्ता, आनंद सहित हजारों कार्यकर्ता शामिल थे।

-(Vishesh Khabar Automated Feed, Slightly Edited)


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