संसद से पांच साल पहले ही पारित हो चुका है नागरिकता संशोधन कानून
Delhi News : केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने की घोषणा कर दी है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया है। इस कानून के तहत गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान है।
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से सीएए की अधिसूचना जारी करने के कयास पहले से लग रहे थे। पहले जानकारी मिली थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार शाम देश के नाम संबोधन के दौरान इस पर कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। बाद में गृह मंत्रालय की ओर से पूरे देश में सीएए लागू करने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई।
CAA – What Is It
आज से ही लागू हो गया है सीएए
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीएए लागू करने की अधिसूचना जारी करने के बाद आज से ही देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है। दरअसल, CAA संसद से पारित हुए करीब पांच साल बीत चुके हैं। अब केंद्र सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही देश में सीएए लागू कर दिया है।
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह अपने चुनावी भाषणों में कई बार नागरिकता संशोधन कानून या CAA को लागू करने की बात कर चुके हैं। उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा। सूत्रों का भी कहना था कि गृह मंत्रालय की तरफ से इसे लागू करने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आज इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई।
CAA In India
गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को दी जाएगी नागरिकता
CAA के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी देशों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित एक वेब पोर्टल भी तैयार कर लिया है, जिसे अधिसूचना जारी होने के बाद अब लॉन्च कर दिया जाएगा।
तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी देशों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और सरकारी जांच-पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।
CAA Notification
केंद्र सरकार ने 2019 में कानून में किया था संशोधन
बता दें कि साल 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया था। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर, 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था। नियमों के अनुसार, नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा।
अब गृह मंत्रालय द्वारा CAA लागू करने की अधिसूचना जारी होने के बाद इन पड़ोसी देशों से आए शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि विपक्षी पार्टियों ने CAA को लागू करने की टाइमिंग पर सवाल उठाने भी शुरू कर दिए हैं।
-विशेष खबर ब्यूरो
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