आदिवासी हो समाज युवा महासभा की बड़ी पहल, चलाया सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम
Noamundi (West Singhbhum) News : समाज में फैली डायन प्रथा (Daayan Pratha), जादू-टोना और डायन बिसाही जैसी भ्रांतियों को दूर करने के लिए बड़ी पहल हुई है। आदिवासी हो समाज युवा महासभा ने इन भ्रांतियों को दूर करने और अपनी भाषा-संस्कृति के प्रति सामाजिक प्रेम बढ़ाने का बीड़ा उठाया है।
इसी क्रम में आदिवासी हो समाज युवा महासभा की टीम ने पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी प्रखंड में स्थित ताड़ेया ग्राम में एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया। ग्रामीण मुंडा कुसो केराई की अगुवाई में डायन प्रथा, जादू-टोना और डायन बिसाही जैसी आशंकाओं को दूर करने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया।
Daayan Pratha News in Hindi
ग्रामीणों को ओझा-गुनी का शिकार होने से बचाने का प्रयास
इस मौके पर आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने लोगों को Daayan Pratha, जादू-टोना और डायन बिसाही जैसी भ्रांतियों के बारे में बताया कि यह सब केवल अफवाहें होती हैं। हमें सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से अपनी भाषा-संस्कृति के प्रति सामाजिक प्रेम बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को टोना-टोटके की भ्रांतियों से बाहर निकलना चाहिए और ओझा-गुनी का शिकार बनने से बचना चाहिए। उन्होंने ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही झारखंड डायन प्रतिषेध अधिनियम के बारे में जानकारी भी दी।
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समाज के कल्याण में सहयोग देने की अपील
गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने ग्रामीणों से Daayan Pratha जैसी भ्रांतियों से बचते हुए समाज के कल्याण में सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस तरह की कुरीतियां केवल समाज में विभेद पैदा करती हैं और सामाजिक पतन का कारण बनती हैं।
उन्होंने लोगों से आदिवासी हो समाज महासभा की सदस्यता लेकर समाज के विकास और उत्थान में योगदान करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि महासभा के विभिन्न स्तर की कमिटियों में पदभार लेकर ग्रामीण युवा अपने समाज में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण के लिए व्यापक सहयोग दे सकते हैं।
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बाहरी तत्वों के पनपने से हो रहा है अतिक्रमण
इस मौके पर झारखंड के प्रदेश सचिव शंकर चातोम्बा ने भी Daayan Pratha के उन्मूलन पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोल्हान प्रमंडल में मानकी-मुंडा की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था कायम है। यह हो समाज की कस्टमरी लॉ के अनुसार और रूढ़ीजन्य एवं प्रथा के तहत निर्देशित है।
उन्होंने कहा कि यहां बाहरी तत्वों को पनपने का मौका देने से सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। इसलिए ग्रामीणों को बाहरी और मूल आदिवासियों की गतिविधियों पर नजर रखने तथा समाज के लोगों को सावधान करने में सामाजिक संगठन का साथ देने की आवश्यकता है।
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नुक्कड़ नाटक और कार्यक्रम में ये थे मौजूद
Daayan Pratha और डायन बिसाही जैसी भ्रांतियों को समाप्त करने के उद्देश्य से आयोजित इस नुक्कड़ नाटक और कार्यक्रम में आदिवासी हो समाज युवा महासभा के अनुमंडल अध्यक्ष बलराम लागुरी, प्रखंड अध्यक्ष बुधराम चांपिया, सदस्य बलदेव केराई, मोरन सिंह, चंद्रमोहन चातोम्बा, बिक्रम सिधु, अरुण बोबोंगा, मुंडा बबलू केराई, मुंडा चंद्रमोहन सिरका, सहायक मुंडा मिलु पुरती, कांडे केराई, मनोज केराई, अमरनाथ केराई, मंगल सिंह केराई, डुरसु केराई, बीर सिंह केराई, टोटका केराई, डोमडेया केराई सहित अनेक लोगों ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
-विशेष खबर ब्यूरो
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