New Tax Slab में करदाता बचा सकेंगे 17,500 रुपए, जानिए किन्हें मिलेगा इसका लाभ
Delhi News : वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण केंद्रीय बजट (Union Budget 2024) मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार का 11वां पूर्ण बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान टैक्सेशन से जुड़ा कोई बड़ा बदलाव नहीं किया था, लेकिन इस बार उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं।
वित्त मंत्री ने करीब चार करोड़ लोगों को टैक्स से जुड़े लाभ होने की बात कही है। इस बार अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार टैक्स को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार करने, टैक्स निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी कम करने के प्रयासों को जारी रखेगी।
Union Budget 2024 Slabs
तीन से सात लाख रुपए तक 5 प्रतिशत टैक्स
इस बार वित्त मंत्री ने नई टैक्स प्रणाली में तीन से सात लाख रुपए तक 5 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि तीन लाख रुपए तक की आमदनी पर करदाताओं को कोई टैक्स नहीं देना होगा। सात से दस लाख रुपए तक की आमदनी वालों के लिए 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री के अनुसार नई घोषणाओं से चार करोड़ लोगों को नई टैक्स प्रणाली में 17,500 रुपए तक का लाभ होगा। वित्त मंत्री ने पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए कर दिया है। सरकार के इस फैसले से देश के वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलेगा।
Union Budget 2024 Announced
जानिए कितनी आमदनी पर कितना देना होगा टैक्स
वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट के अनुसार 3,00,000 तक की आमदनी वालों को शून्य टैक्स, 3,00,001 से 7,00,000 तक की आमदनी वालों को 5 प्रतिशत टैक्स, 7,00,001 से 10,00,000 तक की आमदनी वालों को 10 प्रतिशत टैक्स और 10,00,001 से 12,00,000 तक की आमदनी वालों को 15 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
इसी प्रकार 12,00,001 से 15,00,000 तक की आमदनी वालों को 20 प्रतिशत टैक्स और 15,00,000 से ऊपर की आमदनी वालों को 30 प्रतिशत टैक्स चुकाना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का दावा है कि इससे मिडिल क्लास के साथ ही हर क्लास को फायदा मिलेगा।
Union Budget 2024 News Update
कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर पूंजीगत लाभ की छूट सीमा बढ़ाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लिए कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर पूंजीगत लाभ छूट सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए सालाना करने की योजना है। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करते हुए वायदा एवं विकल्प प्रतिभूतियों के मामले में प्रतिभूति लेनदेन टैक्स (एसटीटी) 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि शेयर पुनर्खरीद से होने वाली आय पर टैक्स लगेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स संबंधी विवाद कम करने के लिए सरकार विवाद से विश्वास योजना 2024 लाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत एक करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवासीय जरूरतों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 नए औद्योगिक पार्क विकसित किए जाने की भी घोषणा की।
Union Budget 2024 Union Budget
सभी वर्ग के निवेशकों के लिए ‘एंजल टैक्स’ हुआ समाप्त
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स में सभी वर्ग के निवेशकों के लिए ‘एंजल कर’ (एंजल टैक्स) समाप्त करने की घोषणा की। अपने बजट भाषण में उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनियों तथा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के संदर्भ में कुछ वित्तीय साधनों के लिए टैक्स दरों में विभिन्न बदलावों की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सबसे पहले, भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए मैं सभी वर्गों के निवेशकों के लिए तथाकथित एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव करती हूं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि एंजल टैक्स को हटाने से स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इससे उनके लिए अधिक अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने अनिश्चितता और विवादों को कम करने के लिए पुनः खोलने और पुनर्मूल्यांकन के लिए आयकर प्रावधानों को पूरी तरह सरल बनाने का भी प्रस्ताव रखा।
Union Budget 2024 News In Hindi
टैक्स-अनिश्चितता और विवादों में कमी आने का दावा
उन्होंने कहा कि यदि छूटी हुई आय 50 लाख रुपए या उससे अधिक है, तो इसके बाद टैक्स निर्धारण वर्ष की समाप्ति से तीन वर्ष के बाद पुनः खोला जा सकेगा। यह समय टैक्स निर्धारण वर्ष की समाप्ति से अधिकतम पांच वर्ष की अवधि तक रहेगा।
उन्होंने वित्त मंत्री ने कहा कि यहां तक कि तलाशी के मामलों में भी तलाशी के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा प्रस्तावित की गई है। जबकि वर्तमान में 10 वर्ष की समय सीमा है। इससे टैक्स-अनिश्चितता और विवादों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक लाभ पर 12.5 प्रतिशत की टैक्स दर लागू होगी, जबकि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए टीडीएस दर एक प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत कर दी जाएगी।
Union Budget 2024 On Charitable Matters
चैरिटेबल मामलों में एक जगह होगी टैक्स छूट की व्यवस्था
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि चैरिटी के मामलों में दो अलग-अलग व्यवस्थाओं की जगह एक टैक्स छूट व्यवस्था होगी। साथ ही न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न भुगतान के लिए पांच प्रतिशत टीडीएस की जगह दो प्रतिशत टीडीएस की व्यवस्था होगा।
उन्होंने कहा कि म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के रिपरचेज पर 20 प्रतिशत टीडीएस को वापस ले लिया गया है और ईकॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस को एक प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने
बताया कि टैक्स समाधान के लिए जन विश्वास-2.O पर काम जारी है, जबकि म्युचुअल फंड के रिपरचेज पर टीडीएस खत्म कर दिया गया है।
इसके अलावा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर 20 प्रतिशत होगी, इनकम टैक्स कानून की छह महीने में समीक्षा की जाएगी और एंजेल टैक्स हटा दिया गया है।
Union Budget 2024 Demand Notice
इन डिमांड नोटिस के विवादों को वापस लेगी सरकार
अंतरिम बजट के दौरान वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि वर्ष 1962 से जितने पुराने टैक्स से जुड़े विवादित मामले चले आ रहे हैं, उनमें वर्ष 2009-10 तक लंबित रहे प्रत्यक्ष टैक्स मांगों (डिमांड नोटिस) से जुड़े 25,000 रुपए तक के विवादों को सरकार वापस ले लेगी। इसी तरह 2010-11 से 2014-15 के बीच लंबित रहे प्रत्यक्ष टैक्स मांगों से जुड़े 10 हजार रुपए तक के मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया था।
बता दें कि वित्त मंत्री ने स्टार्टअप्स और पेंशन फंड्स में निवेश करने वालों को मिलने वाले टैक्स लाभ की समय सीमा 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2025 करने की घोषणा की थी। ऐसे में स्टार्टअप्स में निवेश करने वालों को इस बजट से एक साल का अतिरिक्त टैक्स लाभ मिलने की राह खुल गई थी।
Union Budget 2024 Direct Tax Collection
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में हुई इतनी वृद्धि
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में बताया था कि पिछले 10 वर्षों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। इस दौरान टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 2.4 गुना की वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया था कि इन्कम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद करदाताओं को टैक्स रिफंड मिलने में लगने वाले समय में कमी आई है। पहले इसमें औसतन 93 दिन का समय लगता था अब यह कम होकर 10 दिन रहा गया है।
-विशेष खबर ब्यूरो
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