आदिवासी युवा महोत्सव के आयोजन को लेकर भी हो रही है बड़ी तैयारी, दिल्ली में भी होगा आंदोलन
Chaibasa News : आदिवासी हो समाज (Adivasi Ho Samaj) ने अपनी ‘हो’ भाषा को मान्यता दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू कर दिया है। इस क्रम में लोगों के साथ जनसंपर्क और पोस्ट कार्ड लेखन अभियान की शुरुआत भी कर दी गई है। ग्रामीण बड़ी संख्या में इस अभियान से जुड़ रहे हैं।
बता दें कि आगामी 13 और 14 जुलाई को आदिवासी युवा महोत्सव का आयोजन होने वाला है। इसके बाद अगस्त-सितंबर 2024 के दौरान दोलाबु दिल्ली के तहत ‘हो’ भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए व्यापक आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है।
Adivasi Ho Samaj News
सदर प्रखंड के नरसंडा गांव में हुआ जोरदार प्रचार-प्रसार
जुलाई में होने वाले आदिवासी युवा महोत्सव की सफलता और अगस्त-सितंबर के दौरान होने वाले दोलाबु दिल्ली आंदोलन को व्यापक रूप देने के लिए आदिवासी हो समाज युवा महासभा की टीम ने सदर प्रखंड के नरसंडा गांव में जोरदार प्रचार-प्रसार किया।
प्रचार-प्रसार के दौरान लोगों को इन आयोजनों में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया। साथ ही ग्रामीणों को ‘हो’ भाषा की मान्यता के संबंध में पोस्ट कार्ड लेखन अभियान कार्यक्रम से जोड़ा गया। इस दौरान आदिवासी हो समाज युवा महासभा की अनुमंडल एवं प्रखंड टीम ने ग्रामीणों से प्रचार अभियान में सहयोग करने की अपील भी की।
Adivasi Ho Samaj Demands
कार्यक्रम की जानकारी के साथ ही समाज की संस्कृति पर डाला प्रकाश
प्रचार-प्रसार अभियान के दौरान आदिवासी हो समाज युवा महासभा सदर चाइबासा अनुमंडल कमिटी के संयुक्त सचिव तुराम सुंडी के नेतृत्व में नरसंडा गांव के महिला समूहों और अन्य ग्रामीणों को दो दिवसीय आदिवासी युवा महोत्सव कार्यक्रम की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम एवं सदस्य लेबा गागराई ने युवा महासभा के वार्षिक कार्यक्रम पर भी प्रकाश डाला। जनसंपर्क के दौरान आदिवासी हो समाज की समृद्ध संस्कृति के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया।
Adivasi Ho Samaj Mahotsav
संस्कृति के विकास और संरक्षण के लिए सहयोग की अपील
उन्होंने ग्रामीणों के समक्ष ‘हो’ समाज की प्राचीन संस्कृति और रीति-रिवाज के आधार पर विभिन्न सांस्कृतिक खेल-कूद और परंपरा को नई पीढ़ी के बीच जीवंत एवं सक्रिय बनाए रखने संबंधी सामाजिक एहसास को भी प्रकट किया। इस दौरान संस्कृति के विकास और संरक्षण के लिए समाज के कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ाने और सहयोग करने की अपील भी की गई।
इस अवसर पर सेविका सुखमती सुंडी, सहिया शांति सुंडी, संयोजिका पूनम सुंडी, शुरू सुंडी, पालो सुंडी, तारा सुंडी, जयश्री सुंडी, शल्यांति सुंडी, दशमा सवैंया, मानी सूंडी, सोमवारी सूंडी, वंदावत सूंडी सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।
-विशेष खबर ब्यूरो
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