सहारनपुर की घटना, छुड़ाए गए मजदूरों में अधिकांश अनुसूचित जातियों और अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े
Saharanpur News : बचपन बचाओ आंदोलन की शिकायत पर सहारनपुर जिला प्रशासन ने 55 बंधुआ मजदूरों (Bonded Labour) को मुक्त करवाया है। एक ईंट भट्ठे से मुक्त करवाए गए इन 55 बंधुआ मजदूरों में 22 बच्चे और 33 वयस्क शामिल हैं। ये सभी पिछले 5 महीने से यहां काम कर रहे थे।
बता दें कि बचपन बचाओ आंदोलन के तहत देश भर में बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान अब तक देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में बाल श्रमिकों और बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाया गया है।
Bonded Labour In Saharanpur
एक मजदूर ने बचपन बचाओ आंदोलन से की थी शिकायत
बचपन बचाओ आंदोलन की शिकायत पर सहारनपुर जिला प्रशासन ने सरसावा थाने के कुम्हारहेड़ा में एक ईंट भट्ठे से 22 बाल मजदूरों और 33 वयस्कों सहित कुल 55 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। छुड़ाए गए ज्यादातर मजदूर सहारनपुर और शामली जिलों के अनुसूचित जातियों और अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। ये सभी यहां पिछले पांच महीने से काम कर रहे थे।
ईंट भट्ठे पर काम कर रहे एक मजदूर ने एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन, जिसे बचपन बचाओ आंदोलन के नाम से जाना जाता है, से भट्ठे पर बंधुआ मजदूरी कराने की शिकायत की थी। छुड़ाए गए सभी बच्चों को मौके पर ही सीडब्लूसी के सामने पेश किया गया और काउंसलिंग के बाद सभी बच्चों को परिवार सहित घर भेज दिया गया।
Bonded Labour News
भट्ठे के मालिक ने नाबालिगों को स्कूल भेजने का किया था वादा
छुड़ाए गए बंधुआ मजदूरों ने बताया कि सीबीएफ ब्रिक फील्ड के मालिक हाजी सलीम कादिर और भट्ठे पर मुंशी का काम कर रहे अमजद ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके नाबालिग बच्चों को स्कूल व चिकित्सा सुविधा सहित बिजली, शौचालय जैसी तमाम सुविधाएं भी दी जाएंगी।
आरोप है कि ये सुविधाएं देना तो दूर, कुछ ही समय बाद उन्हें हर पखवाड़े मिलने वाली मजदूरी भी बंद कर दी गई और पैसे मांगने पर भट्ठा मालिक के गुंडों ने मजदूरों से मारपीट की। भट्ठा मालिक के गुंडों ने मजदूरों के भट्ठे से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी और झूठे एडवांस का बकाया बताकर उनसे बेगारी कराते रहे।
Bonded Labour In India
छिपकर बाहर निकले मजदूर ने की शिकायत
आखिर में किसी तरह नाजिम नाम का एक बंधुआ मजदूर 14 मार्च को चोरी छिपे भट्ठे से बाहर निकला और बीबीए से संपर्क कर अपनी शिकायत सौंपी। तत्काल हरकत में आते हुए बीबीए ने इस शिकायत को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग सहित राज्य के तमाम संबंधित विभागों को भेजी।
उत्तर प्रदेश सरकार तुरंत हरकत में आई और जिलाधिकारी ने कार्रवाई के लिए तुरंत एक टीम का गठन किया। इसके बाद श्रम विभाग, पुलिस विभाग और तमाम अन्य विभागों ने साझा कार्रवाई करते हुए भट्ठे पर छापा मारकर बच्चों सहित इन सभी बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। पुलिस कानूनी कार्रवाई कर रही है और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
Bonded Labour In Uttar Pradesh
बचपन बचाओ आंदोलन के निदेशक ने जताया संतोष
बचपन बचाओ आंदोलन के निदेशक मनीष शर्मा ने इस कार्रवाई पर हर्ष और संतोष जताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आला अफसरों और बच्चों व महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम करने वाले संस्थानों ने जिस गंभीरता से इस शिकायत को लिया और जिस तेजी से कार्रवाई के लिए कदम उठाए, वह यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि उत्तर प्रदेश सरकार बाल मजदूरी व बच्चों के शोषण को रोकने के लिए कितनी संवेदनशील है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई उन लोगों के लिए एक संदेश है, जो अभी भी बाल मजदूरी और बंधुआ मजदूरी कराने जैसे आपराधिक कृत्य में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के सख्त रुख और बाल मजदूरी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने की नीति के बावजूद ईंट भट्ठे जैसे कुछ उद्योगों में अभी भी बाल मजदूरों का इस्तेमाल जारी है। लिहाजा सरकार को इस पर निगरानी का दायरा बढ़ाने की जरूरत है।
-विशेष खबर ब्यूरो
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